सीजी भास्कर, 08 अक्टूबर। स्कूल का फर्नीचर (School Furniture Scam) बेचने के मामले में शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के प्रभारी प्राचार्य रमेशर बंजारे को संचालक लोक शिक्षण द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के प्रभारी प्राचार्य रमेशर बंजारे के विरुद्ध शाला प्रबंधन एवं विकास समिति की सहमति से विद्यालय के टेबल-बेंच (School Furniture Scam) को निजी विद्यालयों को बेच देने के संबंध में ग्रामवासियों द्वारा कड़ा विरोध जताया गया। 13 सितंबर 2025 को विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल को दूरभाष पर मौखिक शिकायत प्राप्त होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार-भाटापारा ने इस पर संज्ञान लिया और जांच के आदेश जारी किए।
जांच टीम ने किया निरीक्षण, सामने आईं गड़बड़ियां
तहसीलदार टुण्डरा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल, विकासखंड स्त्रोत समन्वयक कसडोल तथा संकुल समन्वयक टुण्डरा, नरघा एवं कुम्हारी की संयुक्त टीम ने मौके पर निरीक्षण कर जांच की। स्थल निरीक्षण एवं जांच में यह पाया गया कि शाला के प्रभारी प्राचार्य रमेशर बंजारे ने शाला के उपयोगी टेबल-बेंच (School Furniture Scam) को निजी स्कूलों में बेचने का अनुचित कार्य किया है।
जांच में खुलासा हुआ कि ज्ञान अमृत विद्यालय टुण्डरा को 67 नग टेबल-बेंच और धाविका पब्लिक स्कूल, शिवरीनारायण जिला-जांजगीर-चांपा को 40 नग टेबल-बेंच शाला प्रबंधन एवं विकास समिति की अनुशंसा से बेचे गए थे। इस पूरे प्रकरण में प्रभारी प्राचार्य रमेशर बंजारे की प्रत्यक्ष संलिप्तता पाई गई, जिससे वह प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए।
नियमों का उल्लंघन, तत्काल निलंबन
प्रभारी प्राचार्य का यह कृत्य पदीय उत्तरदायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। इसी आधार पर विभाग ने तत्काल प्रभाव से रमेशर बंजारे को निलंबित करने का निर्णय लिया।
संचालक लोक शिक्षण द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के अंतर्गत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बलौदाबाजार-भाटापारा नियत किया गया है। इस अवधि के दौरान उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता प्रदान की जाएगी।
प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया
इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों को निर्देशित किया है कि शाला संपत्ति या संसाधनों के उपयोग में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने कहा है कि सरकारी स्कूलों के संसाधन जनता की संपत्ति हैं, और उनके दुरुपयोग या बिक्री (School Furniture Scam) जैसी घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।