सीजी भास्कर, 11 जुलाई। राजधानी रायपुर में पदस्थ छत्तीसगढ़ पुलिस के चार कर्मियों को सात दिन तक बर्तन साफ करने और जूते पॉलिश करने की सजा मिली है।
आपको बता दें कि 8 जून को सिक्ख समाज के ड्राइवर बहादुर सिंह से चार सिपाहियों ने बाल खींचकर मारपीट की थी। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। इस घटना के बाद सिक्ख समाज ने ऐसे कृत्य की निंदा करते हुए मामले की शिकायत गृहमंत्री विजय शर्मा और एसएसपी की थी नतीजतन चारों पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है।
गौरतलब हो कि रायपुर के थाना टिकरापारा के अंतर्गत आने वाले अंतर राज्यीय बस स्टैंड में विगत 8 जून को थाने के चार सिपाहियों द्वारा एक सिख युवक की पगड़ी गिराकर, उसके बाल खींचकर मारपीट करने के मामले में पीड़ित युवक ने सिख समाज को अपने साथ हुए धार्मिक अपमान के बारे में जानकारी दी थी। घटना के सीसीटीवी फुटेज में टिकरापारा थाने के सिपाहियों चंद्रभान सिंह भदोरिया, सुरेंद्र सिंह सेंगर, रविंद्र सिंह राजपूत और दानेश्वर साहू द्वारा बहादुर सिंह के साथ किए गए बदसलूकी को देखकर समाज ने इसकी निंदा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं गृह मंत्री को ज्ञापन सौंप कर चारों सिपाहियों पर धारा 295 ए के तहत जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी। सिक्ख समाज के ड्राइवर की पगड़ी गिराने और मारपीट करने के मामले में शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया था परंतु इस कार्रवाई से सिक्ख समाज संतुष्ट नहीं था। इसके बाद एसएसपी ने सिपाही चंद्रभान सिंह भदौरिया, सुरेंद्र सिंह सेंगर, रविन्द्र सिंह राजपूत और दानेश्वर साहू को सस्पेंड कर दिया। युवक के साथ मारपीट करने वाले सिपाहियों ने तेलीबांधा स्थित गुरुद्वारा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मात्था टेक कर अपनी गलती स्वीकार की और सिक्ख समाज से अपनी गलती की क्षमा मांगी। जब इन पुलिस कर्मियों ने सिक्ख समाज से माफी मांगी तो सिक्ख समाज ने चारों सिपाहियों को सात दिन तक गुरुद्वारा में सेवा करने का दंड दिया है।
स्टेशन रोड गुरुद्वारे के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि सिपाहियों के आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि समाज इन्हें पूरी तरह से माफ नहीं करेगा, समाज ने इन्हें दोबारा किसी सिक्ख का धार्मिक अपमान न करने की चेतावनी देते हुए सात दिनों तक गुरुद्वारे में बर्तन साफ करने और गुरुद्वारा आने वाली संगत के जूतों की सेवा करने की सजा तय की है।