सीजी भास्कर, 27 मार्च |
छत्तीसगढ़ सरकार बुजुर्ग यात्रियों को तीर्थ यात्रा पर भेजेगी। इसकी शुरुआत गुरुवार को हो गई। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को CM विष्णुदेव ने शुरू किया। रायपुर के रेलवे स्टेशन से तीर्थ यात्रियों की स्पेशल ट्रेन को रवाना किया गया।
जिसमें रायपुर-बलौदाबाजार, भाटापारा जिलों के 780 बुजुर्ग शामिल थे। यह बुजुर्ग देश के तीर्थ स्थलों के दर्शन करेंगे। इनका रहना-खाना सब कुछ फ्री होगा। योजना के लिए नए लोग के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी 27 मार्च से शुरू की कर दी गई है, जो 3 अप्रैल तक चलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिस ट्रेन को रवाना किया है, वो तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम जाएगी। मुख्यमंत्री साय ने तीर्थयात्रा पर जा रहे बुजुर्गों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आप सभी के चेहरे पर जो खुशी है, वही मेरा संतोष है।
उन्होंने कहा कि, रामेश्वरम में आप लोग पवित्र रामसेतु देख सकेंगे। ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे। आप लोग मदुरै तीर्थ का भी दर्शन करेंगे, जहां मीनाक्षी मंदिर है। तिरुपति में बालाजी का दर्शन करेंगे। दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों को देखने का यह सुंदर अवसर है।
कांग्रेस ने बंद की थी योजना
मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि, इस योजना को पिछली कांग्रेस की सरकार ने बंद कर दिया था। बुजुर्गों के मन में हमेशा ये भाव रहता था कि तीर्थ पर जाना है, इसलिए इस योजना को दोबारा शुरू किया गया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री रामलला (अयोध्या दर्शन) योजना के तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर चुके हैं।
योजना के लिए 15 करोड़ बजट
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, अब श्रद्धालुओं की यात्रा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत निरन्तर होती रहेगी। इस योजना के लिए हमने 15 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। इस योजना में उज्जैन, पुरी, द्वारिका, वैष्णो देवी, मथुरा, वृंदावन जैसे अनेक तीर्थ स्थलों को जोड़ा गया है, जिनकी निःशुल्क यात्रा कराई जाएगी।
मंत्री राजवाड़े बोलीं- ये योजना आस्था का प्रतीक
समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना केवल तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्था का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उन श्रद्धालुओं को यह अवसर प्राप्त होगा, जो अब तक आर्थिक सीमाओं के कारण तीर्थ यात्रा से वंचित रहे हैं।
सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए पूर्ण सुविधायुक्त पैकेज तैयार किया है जिसमें ट्रेन यात्रा, यात्रियों के ठहरने, भोजन, मंदिर दर्शन, सुरक्षा और चिकित्सा जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं शामिल हैं।
बुजुर्गों के लिए स्पेशल अरेंजमेंट
स्पेशल ट्रेन में बुजुर्गों को ये यात्रा करवाई जाएगी। इसमें टूर एस्कॉर्ट, पुलिस बल और चिकित्सकों की टीम भी उनके साथ यात्रा करेगी। श्रद्धालुओं को हर समय सुरक्षा और सुविधा का अहसास होगा। योजना के तहत देशभर के 19 प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, पुरी, हरिद्वार, काशी, शिरडी, वैष्णोदेवी, अमृतसर, द्वारका, बोधगया, कामाख्या मंदिर, सबरीमाला जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल सम्मिलित हैं।
समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में 4 दिसंबर 2012 को की गई थी। 15 जनवरी 2013 से 10 जून 2019 के मध्य इस योजना के अंतर्गत कुल 272 तीर्थ यात्राओं में 2 लाख 46 हजार 983 श्रद्धालुओं को फायदा मिला।
योजना का मकसद
- इस योजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवनकाल में एक बार, प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नामनिर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक या एक से अधिक स्थानों की यात्रा सुलभ कराने के लिए शासकीय सहायता प्रदान करना है।
कौन होगा पात्र
- छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो।
- 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का हो।
- इस योजना के तहत पहले से यात्रा न की हो।
- यात्रा के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम हो।
आवेदन की प्रक्रिया
संबंधित हितग्राही अपने आवेदन पत्र निर्धारित प्रपत्र में ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/ उप संचालक, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के जिला कार्यालय से फॉर्म लेकर वहां जमा करेंगे। 27 मार्च से 3 अप्रैल 2025 तक कर सकेंगे लोग आवेदन।
चयन प्रक्रिया
प्राप्त आवेदन पत्रों में से 500 से 800 लोगों को सिलेक्ट किया जाएगा। ये सिलेक्शन लॉटरी निकालकर जिले के कलेक्टर करेंगे।
तीर्थस्थान
शासन की तरफ से अधिसूचित तीर्थस्थानों की यात्रा की जा सकेगी। इसमें वो तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम, उज्जैन, ओंकारेश्वर, पुरी, हरिद्वार, काशी, शिरडी, वैष्णोदेवी, अमृतसर, द्वारका, बोधगया, कामाख्या मंदिर, सबरीमाला।