सीजी भास्कर, 9 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ शासन ने आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों या अतिरिक्त मदों के कार्यों के लिए क्रियान्वयन एजेंसी (Tribal Development Department Order) बनाने पर आगामी आदेश तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा द्वारा सभी कलेक्टरों और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को जारी किया गया है।
आदेश में बताया गया है कि डीएमएफ, सीएसआर, सांसद एवं विधायक निधि जैसे विभिन्न मदों के अंतर्गत अब तक कई विभागीय एवं बाहरी कार्य (Tribal Development Department Order) आदिम जाति विकास विभाग के माध्यम से कराए जाते रहे हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों को अन्य विभागों के वित्तीय और तकनीकी नियमों की पूर्ण जानकारी न होने से कई बार प्रक्रियागत त्रुटियां और अनियमितताएं सामने आई हैं, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठे हैं।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि विभाग पहले से ही कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति, छात्रावास, कौशल विकास और वनवासियों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति से संबंधित कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। ऐसे में सीमित अमले के कारण अतिरिक्त कार्यों का बोझ विभागीय दक्षता को प्रभावित कर रहा था। इसी कारण सरकार ने अन्य विभागों के कार्यों के लिए आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों को क्रियान्वयन एजेंसी (Tribal Development Department Order) बनाने पर रोक लगाई है।
अधिकारियों को दी गई नई जिम्मेदारी और प्रशिक्षण के निर्देश Tribal Development Department Order
आदेश में यह भी उल्लेख है कि यदि किसी भी विभागीय या गैर-विभागीय मद से कार्य कराना आवश्यक हो तो वह केवल जेम पोर्टल (Government e-Marketplace) में उपलब्ध सामग्री, निविदा समिति की देखरेख और तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता से ही किया जाएगा।
सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों को वित्तीय निर्देश, भंडार क्रय नियम और निर्माण कार्य नियमावली के अनुरूप काम करने के लिए वाणिज्य, लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित संस्थाओं के साथ नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं (Tribal Development Department Order)। बोरा ने कहा है कि यह कदम विभाग की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रशासनिक सुदृढ़ता को बनाए रखने के लिए लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी द्वारा इस आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी ।