सीजी भास्कर, 09 अक्टूबर | राजधानी रायपुर में आयोजित Tribal Pride Day Celebration (जनजातीय गौरव दिवस) कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने पूर्वजों और नायकों की विरासत को सहेजें और नई पीढ़ी तक पहुँचाएं.”
जनजातीय गौरव दिवस का महत्व
सीएम साय ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय, देश के आदिवासी नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के तहत छत्तीसगढ़ में तेज़ गति से विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे जनजातीय समाज को नई दिशा मिल रही है.
Tribal Pride Day Celebration: जनमन योजना से बदलेगा ग्रामीण ढांचा
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनमन योजना (Janman Yojana) के अंतर्गत प्रदेश में 2,500 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हो रहा है और लगभग 32,000 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं. यह पहल न केवल अधोसंरचना को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगी.
शैक्षणिक पाठ्यक्रम में जनजातीय इतिहास
सीएम ने शिक्षाविदों और प्रबुद्धजनों से आग्रह किया कि जनजातीय गौरव और इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए. उन्होंने कहा कि “अगर नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के संघर्ष और बलिदान की जानकारी मिलेगी, तभी उनमें आत्मगौरव की भावना विकसित होगी.”
Tribal Pride Day Celebration: नवा रायपुर में शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय
नवा रायपुर में Shaheed Veer Narayan Singh Tribal Museum (शहीद वीरनारायण सिंह ट्रायबल म्यूजियम) का निर्माण अंतिम चरण में है. लगभग 10 एकड़ में तैयार हो रहे इस संग्रहालय में 15 गैलरी बनाई जा रही हैं, जिनमें ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुए जनजातीय विद्रोहों और स्वतंत्रता संग्राम का जीवंत चित्रण होगा.
पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
यह संग्रहालय 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पित किया जाएगा. संग्रहालय की पहली गैलरी छत्तीसगढ़ की जनजातीय जीवनशैली पर आधारित होगी, जबकि अन्य गैलरियों में हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, दंतेवाड़ा मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, भूमकाल विद्रोह और झंडा सत्याग्रह जैसी ऐतिहासिक घटनाओं की झलक दिखाई जाएगी.
आदिवासी गौरव की अनोखी झांकी
इन गैलरियों में प्रदर्शित झांकियां छत्तीसगढ़ की उस अदम्य जनजातीय भावना को दर्शाती हैं, जिसने अंग्रेज़ी हुकूमत को चुनौती दी थी. यह न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनेगा.