उत्तराखंड सरकार की Uttarakhand Free Copy Scheme इस शैक्षणिक सत्र में ज़मीन पर उतरती नजर नहीं आई। कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों को मुफ्त कॉपियां देने का वादा किया गया था, लेकिन सत्र के लगभग समाप्त होने तक करीब 10 लाख छात्र इस योजना से वंचित रह गए।
अप्रैल में मिली कैबिनेट मंजूरी, दिसंबर में शुरू हुआ टेंडर
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, मुफ्त कॉपी वितरण प्रस्ताव को अप्रैल 2025 में कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी थी। इसके बावजूद विभाग ने टेंडर प्रक्रिया दिसंबर में शुरू की, जिससे योजना की टाइमिंग पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। छात्रों को पूरे साल सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा।
किताब और यूनिफॉर्म के बाद कॉपी का वादा भी अधूरा
शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही यह घोषणा की गई थी कि छात्रों को मुफ्त किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म के साथ-साथ कॉपियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह रही कि (Uttarakhand Free Copy Scheme) सिर्फ फाइलों तक सिमटकर रह गई।
शिक्षा निदेशक ने जारी किए नए निर्देश
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रों को मुफ्त कॉपियां उपलब्ध कराई जानी हैं। इसके लिए 4 दिसंबर 2025 को ऑनलाइन ई-निविदा आमंत्रित की गई है।
सवाल वही—जब टेंडर अब, तो कॉपियां कब?
शिक्षा विशेषज्ञों और अभिभावकों का कहना है कि जब टेंडर प्रक्रिया सत्र के अंत में शुरू हो रही है, तो छात्रों को इसका वास्तविक लाभ कब मिलेगा। मौजूदा शैक्षणिक सत्र लगभग समाप्ति की ओर है, ऐसे में योजना की उपयोगिता पर भी प्रश्न उठ रहे हैं।
छात्र और अभिभावक असमंजस में
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई निजी खर्च पर पूरी करनी पड़ी। मुफ्त कॉपियों की घोषणा ने उम्मीद तो जगाई, लेकिन समय पर क्रियान्वयन न होने से भरोसा कमजोर पड़ा है।


