सीजी भास्कर, 05 अप्रैल। वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद गुरुवार से ही सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट मोड पर हैं। मिश्रित आबादी वाले इलाकों और मुस्लिम बोल इलाकों में पुलिस ने पैदल मार्च किया। वहीं शुक्रवार को सुबह होते ही पुलिस जुमे की नमाज को शांतिपूर्वक अदा करने के लिए कमर कसी थी. शुक्रवार को होने वाली जुम्मे की नमाज के दौरान ड्रोन से सभी मस्जिदों की निगरानी कराई
संसद के दोनों सदनों में वक्फ बिल पास होने के बाद देशभर में मुस्लिम समाज में रोष बढ़ गया है. इस स्थिति को देखते हुए जिले में शुक्रवार को कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए।
पुलिस ने संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पैदल गश्त की और यह चेतावनी दी कि यदि किसी ने शहर की फिजा को खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जुमे की नमाज के मद्देनजर मस्जिदों के आसपास भी पुलिस बल तैनात रहा.
डीएम और एसपी भी करते रहे भ्रमण : शुक्रवार को नगर की प्रमुख मस्जिदों सहित सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई. नमाज के बाद मुल्क की तरक्की, अमन-चैन, प्यार-मोहब्बत, भाईचारे और कौम की बेहतरी के लिए दुआ की गई. मुस्लिम समाज के बुजुर्ग, नौजवान, महिलाएं और बच्चे सुबह से ही जुमे की तैयारी में जुटे रहे. नमाज 12:30 बजे से लेकर 2:45 बजे तक अदा की गई, जबकि घरों में भी महिलाओं और युवतियों ने नमाज अदा की.
शहर की प्रमुख जामा मस्जिद पर करबला कमेटी के अध्यक्ष हिकमत उल्ला खान, अपनी टीम के साथ और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. जिलाधिकारी रमेश रंजन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरव दीक्षित और अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही सुरक्षा की दृष्टि से नगर के संवेदनशील इलाकों में भ्रमण कर रहे थे.
की गई ये अपील : पुलिस ने स्थानीय निवासियों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो या संदेशों का आदान-प्रदान न करें.
नगर पुलिस अधीक्षक रवि शंकर प्रसाद ने जनता से कहा कि पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है और किसी भी समस्या की स्थिति में वे 112 या नजदीकी चौकी थाने से संपर्क कर सकते हैं.
करबला कमेटी के अध्यक्ष हिकमत उल्ला खान ने नागरिकों से अपील की कि वे अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें।
नमाज अदा कराने वाले इमामों में जामा मस्जिद के मौलाना असद अलीम शमशी, शाही मस्जिद के मोहम्मद आरिफ, मस्जिद मेवा फरोशान के मौलाना शफी अहमद कासमी, मस्जिद आगा साहब के मौलाना फारुख और अन्य इमामों ने विभिन्न मस्जिदों में नमाज अदा कराई।