सीजी भास्कर, 08 अप्रैल। भले ही एशिया से लेकर भारत तक के शेयर बाजार (Stock Market Crash) में मंगलवार को तेजी देखने को मिली हो, लेकिन दुनिया के एक देश में हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं इंडोनेशिया की, जहां शेयर बाजार फिर क्रैश (Indonesia Stock Market Crash) हो गया.
सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन ये शुरुआती कारोबार में ही 9 फीसदी तक टूट गया और इसके चलते एक्सचेंज को ट्रेडिंग तक रोकनी पड़ गई. आइए जानते हैं आखिर इंडोनेशिया में ऐसा क्या हुआ है, जो हाहाकार मचा हुआ है?
मंगलवार को एक ओर जहां सोमवार की भयंकर गिरावट से जापान और हांगकांग जैसे एशियाई बाजार उबरे हुए नजर आए, तो वहीं भारतीय बाजार में इंडेक्स Sensex ने शुरुआती कारोबार में 1250 अंक, जबकि Nifty ने 350 अंक की छलांग लगा दी.
वहीं बात इंडोनेशिया के शेयर बाजार की करें, तो शुरुआती कारोबार में ही ये 9 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 5,882 के लेवल पर आ गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अचानक मार्केट क्रैश (Stock Market Crash) होने के चलते बाजार में इसके चलते बाजार में करीब 30 मिनट तक के लिए ट्रेडिंग को रोकना पड़ा.
2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर बाजार
इंडोनेशियाई शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बीते कुछ दिनों से लगातार जारी है. अब आलम ये है कि ट्रेडिंग भी सस्पेंड करनी पड़ रही है. बता दें कि Indonesia Share Market फिहसाल साल 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
इंडोनेशियाई अर्थव्यवस्था (Indonesia Economy) को लेकर चिंता का माहौल आज का नहीं, बल्कि लंबे समय से निवेशकों को परेशान कर रहा है. बीते मार्च महीने के अंत में भी देश का शेयर मार्केट लगातार बिखरता हुआ नजर आया था.
इंडोनेशिया में क्या है ट्रेडिंग रोकने के नियम
मार्केट एनालिस्ट्स इंडोनेशिया के शेयर बाजार में अभी गिरावट का दौर जारी रहने की आशंका जाहिर कर रहे हैं. यहां बता दें कि देश के एक्सचेंज की ओर से ट्रेडिंग रोकने के लिए समयावधि निर्धारित की गई है.
इसके मुताबिक, अगर प्रमुख इंडेक्स 8% से 15% तक गिरता है, तो 30 मिनट के लिए कारोबार रोका जाता है, जबकि ये लिमिट पहले 5% थी, जिसे बढ़ाया गया था. वहीं अगर इंडेक्स में 20% से ज्यादा गिरावट आती है, तो फिर पूरे कारोबारी दिन ट्रेडिंग पर ब्रेक रहता है.
बाजार में गिरावट के ये भी बड़े कारण
इंडोनेशिया की फाइनेंशियल हेल्थ को लेकर बीते दिनों आई साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट पर नजर डालें, तो एक्सपर्ट्स ने बाजार में गिरावट के पीछे अन्य कई कारण भी बताए हैं. इसमें देश की फाइनेंशियल पॉलिसीज और इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर चिंताएं जाहिर की गई हैं.
ऐसे भी अटकलें लगने की बात की गई है कि वित्त मंत्री मुलयानी राष्ट्रपति प्रबोवो के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकती हैं. परमाटा बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट जोसुआ पारदेदे की मानें तो नीतिगत दृष्टिकोण से इन सब चीजों से निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ रही है. जिसका असर शेयर बाजार पर भी दिख रहा है.