23 अप्रैल 2025 :
UP News: उत्तर प्रदेश स्थित नगीना लोकसभा सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराई गई परीक्षा के परिणाम पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शक्ति दुबे समेत तीन महिला अभ्यर्थियों का नाम लिस्ट में होने पर खुशी जाहिर की है. सांसद ने इस मौके पर सावित्रीबाई फूले को भी याद किया.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर चंद्रशेखर ने लिखा- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा – 2024 में सफल सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएँ.
विशेषकर, इस वर्ष के टॉप-5 में टॉपर शक्ति दुबे सहित तीन महिलाओं का स्थान प्राप्त करना न केवल गर्व की बात है, बल्कि क्रान्तिज्योति माता सावित्रीबाई फूले के उस कदम का परिणाम है, जब उन्होंने भारत में बालिकाओं के लिए पहला विद्यालय खोला था.
यह अवसर संविधान निर्माता, शोषितों के मुक्तिदाता,नारी उद्धारक,आधुनिक भारत के शिल्पकार परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के उस महान संविधान की जीवंत अभिव्यक्ति है, जिसमें उन्होंने लिंग, जाति, धर्म के हर भेदभाव को समाप्त कर एक समतामूलक राष्ट्र की नींव रखी. जय भीम.जय फूले.जय संविधान.जय भारत.
किसने-किसने किया टॉप?
बता दें सिविल सेवा परीक्षा 2024 में शीर्ष स्थान हासिल करने वाली शक्ति दुबे ने अपने पांचवें प्रयास में यह प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण की. उन्होंने राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध को वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर यह परीक्षा दी थी. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 के नतीजे घोषित किए, जिसमें शीर्ष पांच स्थान हासिल करने वालों में शक्ति सहित तीन महिलाएं शामिल हैं.
शक्ति (28) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से विज्ञान में परास्नातक हैं. यूपीएससी के पास उपलब्ध विवरण के मुताबिक, शक्ति की रुचियों में “कैंसर के इलाज के लिए एसआई-आरएनए की नैनोकण-आधारित आपूर्ति पर शोध कार्य करना” और “कविताएं लिखना” शामिल है.
हर्षिता दूसरे स्थान पर
हरियाणा की हर्षिता गोयल और महाराष्ट्र के डोंगरे अर्चित पराग ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.
महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा से बीकॉम डिग्री धारी हर्षिता (24) ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी में परास्नातक कर रखा है. उन्होंने राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध को वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर अपने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की. हर्षिता गुजरात के वडोदरा में रहती हैं. वह गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘बिलीव फाउंडेशन’ के लिए स्वयंसेवक के रूप में भी काम करती हैं. उन्हें ऐक्रेलिक पेंटिंग करने का शौक है.