सीजी भास्कर, 27 मई। ज्येष्ठ माह के तीसरे मंगलवार को प्रयागराज के संगम तट पर स्थित बंधवा के लेटे हुए हनुमानजी के मंदिर में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना भी करते हुए दिख रहे हैं। उत्तर भारत में यह दिन बहुत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
ज्येष्ठ माह के बड़े मंगलवार के दिन प्रयागराज के प्रसिद्ध बंधवा हनुमान मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त से ही भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। हर कोई बजरंगबली के दर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।
गूंजे जय श्रीराम और जय-जय हनुमान के जयकारे
मंदिर परिसर ‘जय श्रीराम’ और ‘जय-जय हनुमान’ के जयकारे गूंज रहे थे। भक्तों में तुलसी की माला, फूल, सिंदूर और लड्डुओं का भोग चढ़ाने के लिए होड़ लगी रही। मंदिर के अंदर और बाहर श्रद्धालु हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते नजर आए।
मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस दिन सच्चे मन से बजरंगबली की उपासना करता है और उपवास रखता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ज्येष्ठ मंगलवार को बड़ा या बुढ़वा मंगलवार क्यों कहा जाता है?
ज्येष्ठ मंगल जिसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। भगवान हनुमान की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन इसे माना जाता है। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
साथ ही साथ इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से बढ़े दूर होती है और विभिन्न प्रयासों में सफलता भी मिलती है। इस दिन व्रत रखने से और पूजा करने से अत्यधिक विकास और आत्म साक्षात्कार को बढ़ावा मिलता है।
ज्येष्ठ मंगलवार पर कैसे करे पूजा
भगवान हनुमान का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन व्रत रखें. भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति भजन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
रामायण के एक अध्याय सुंदरकांड का पाठ करें। जिससे भगवान हनुमान के कारनामों का वर्णन किया गया है। इन सारी विधियों का पालन करके भक्त भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अत्यधिक विकास और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।