सीजी भास्कर, 19 जून |
छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने फॉरेन एक्सचेंज बचाने के लिए कम खाद का इम्पोर्ट कर रही है। इस कारण प्रदेश में किसानों को खाद जरूरत के मुताबिक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सरगुजा संभाग में किसानों की मांग का मात्र 16 प्रतिशत खाद ही उपलब्ध हो सका है। किसानों को खाद ही नहीं मिलेगा तो खेती कैसे करेंगे।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि किसानों और आम लोगों को यह जानना जरूरी है कि खेती के लिए सबसे जरूरी खाद डीएपी, यूरिया का आयात होता होता हैं। केंद्र सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि हमारे पास रिकार्ड 800 बिलियन डालर से अधिक का फारेन एक्सचेंज है, फिर सरकार किसानों को डीएपी नहीं खरीदकर क्यों वंचित कर रही है।
खाद की उपलब्धता की स्थिति चिंताजनक
टीएस सिंहदेव ने सरगुजा संभाग का उदाहरण देते हुए कहा कि संभाग में खरीफ फसल के लिए डीएपी का लक्ष्य 24 हजार टन का रखा गया है लेकिन इसके विरूद्ध 17 जून तक की स्थिति में संभाग में महज 3946.24 टन अर्थात 16.44 प्रतिशत ही डीएपी उपलब्ध हो सका है। यूरिया भी संभाग में 22230 के एवज में 10 हजार 804 टन ही उपलब्ध हुआ है जो 50 प्रतिशत से कम है।
सिंहदेव ने कहा कि जिन खाद के तत्वों की आज आवश्यकता है जो संभाग में 16.44 प्रतिशत ही उपलब्ध है। इफको लुण्ड्रा के 12 समितियों में से 8 समितियों में उपलब्ध नहीं है। डीएपी 12 में से 6 समितियों में भण्डारण नहीं किया गया है। इससे सरकार की लचर व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं सरकार ने चोरी से इफको का रेट ढाई सौ बढ़ा दिया गया और किसी को पता नहीं चला।
किसानों के साथ धोखा
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरकार किसी व्यवसायिक साजिश के तहत खाद के आयात में यह रवैया अपना रही है। धान के एमएसपी में मात्र 49 रुपए प्रतिक्विंटल की बढ़ोत्तरी की है और दावा कर रहे हैं कि उन्होंने किसानों की बहुत बड़ी मदद की है। यह किसानों के साथ धोखा है।
चार बड़ी योजनाएं ठप
पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि किसानों के लिए चार बड़ी योजनाएं केंद्र द्वारा संचालित होती है। आश्चर्य है कि इस बार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जैविक खेती , परंपरागत कृषि विकास योजना का लाभ किसानों नहीं मिल रहा है। इन योजनाओं के तहत केंद्र जो राशि उपलब्ध करा रही है उसका उपयोग शून्य है।
समितियों के फर्जीवाड़े की हो जांच
सिंहदेव ने आगे कहा कि सरगुजा संभाग में समितियों के काम काज में अनियमितता सामने आई है। खाद, नकली बीज से लेकर फर्जी लोन निकालकर गबन किए जा रहे है। बलरामपुर जिले में 26 करोड़ का घोटाला हुआ।
इस मामले में 11 अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार हुए। अन्य समितियों की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। एक जायज किसानों को राशि नहीं मिल रही है और कुछ लोग नाजायज तरीके से लोन निकालकर गबन कर रहे हैं।