25 जून 2025 :
UP Politics: उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 2017 में मुख्यमंत्री पद की रेस को लेकर चल रही चर्चाओं पर खुलकर बात की है. मौर्य ने स्पष्ट किया कि 2017 में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद उनके मन में मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं थी, और न ही वह खुद को इस पद के लिए दावेदार मानते थे. उन्होंनेCM योगी आदित्यनाथ के साथ किसी भी तरह की प्रतिद्वंदिता की अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब मीडिया और विपक्षी नेता अखिलेश यादव की राय है.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 2017 में बीजेपी ने उनके नेतृत्व में यूपी विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. उस समय मीडिया और कुछ लोगों के बीच यह चर्चा थी कि वह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. हालांकि, मौर्य ने कहा कि मेरे मन में यह कभी नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे विधानसभा टिकट मिलेगा या मैं सांसद बनूंगा. मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली मैंने उसे एक कार्यकर्ता के रूप में स्वीकार किया.
योगी आदित्यनाथ का चयन और मौर्य की प्रतिक्रिया
यूपी तक को दिए साक्षात्कार में केशव प्रसाद मौर्य ने खुलासा किया कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की कोई पूर्व जानकारी उन्हें नहीं थी. मौर्य ने कहा कि जब बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और विधायक दल ने योगी जी के नाम पर मुहर लगाई तो मैंने इसे एक कार्यकर्ता के रूप में स्वीकार किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से ऊपर पार्टी और संगठन का हित होता है. मौर्य ने यह भी बताया कि वह उस समय समाजवादी पार्टी की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को खत्म करने की जीत से खुश थे और मुख्यमंत्री पद उनके लिए प्राथमिकता नहीं था.
योगी से प्रतिद्वंदिता की अफवाहों पर दिया जवाब
बीते सात-आठ सालों में केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच तथाकथित प्रतिद्वंदिता की खबरें समय-समय पर सुर्खियों में रही हैं. मौर्य ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब मीडिया और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की देन है. हम दोनों साथ मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं. मौर्य ने जोर दिया कि बीजेपी एक विचारधारा पर आधारित पार्टी है, जहां सामूहिक निर्णय लिए जाते हैं, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के आधार पर.