Mid Day Meal: सुपौल के बसंतपुर प्रखंड में भगवानपुर पंचायत के रानीगंज प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को मिड डे मील खाने के बाद तकरीबन 35 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. दोपहर करीब 2 बजे बच्चों को चावल और चना-आलू की सब्जी परोसी गई थी. भोजन करने के कुछ घंटों बाद बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और बेचैनी की शिकायत होने लगी.
बच्चों की बिगड़ती हालत देखकर घबराए अभिभावकों ने तुरंत इसकी सूचना भीमनगर थाना को दी. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष दीपक कुमार पुलिस टीम के साथ स्कूल पहुंचे. बीमार बच्चों को अनुमंडलीय अस्पताल, बीरपुर में भर्ती कराया गया. स्थानीय लोगों ने भी एंबुलेंस और निजी वाहनों की व्यवस्था कर प्रशासन की मदद की.
अस्पताल में तैनात डॉ. पंकज कुमार ने इसे फूड पॉयजनिंग का मामला बताया. डॉक्टरों की टीम द्वारा बच्चों का इलाज किया जा रहा है. स्थिति अब नियंत्रण में है. डॉक्टरों के मुताबिक अधिकांश बच्चों की हालत स्थिर है, लेकिन सभी को निगरानी में रखा गया है.
बच्चों का आरोप- खाते ही बिगड़ी तबीयत, टीचरों ने घर भेजा
कुछ बच्चों ने बताया कि जैसे ही उन्होंने स्कूल का खाना खाया, कुछ ही देर में उनकी तबीयत खराब होने लगी. लेकिन इसके बावजूद शिक्षक उन्हें प्राथमिक उपचार देने की बजाय घर भेजते रहे, जिससे कई बच्चों की हालत और बिगड़ गई.
मेन्यू से अलग था खाना
स्थानीय लोगों का कहना है कि मिड डे मील के सरकारी मेन्यू में दिए गए निर्देशों के उलट स्कूल में भोजन दिया गया. उसमें गुणवत्ता और पोषण की कमी थी. इससे प्रशासन की निगरानी और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर होती है.
एसडीओ पहुंचे अस्पताल, दिए जांच के आदेश
घटना की सूचना पर बीरपुर अनुमंडलाधिकारी नीरज कुमार अस्पताल पहुंचे. उन्होंने बच्चों का हालचाल जाना और स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा. एसडीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. फिलहाल सभी बच्चों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है. घटना ने मिड डे मील योजना की निगरानी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.