बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में एक बड़ा पुलिस अनुशासनहीनता मामला सामने आया है। कुसमी थाना प्रभारी ललित यादव, दो प्रधान आरक्षक विष्णुकांत मिश्रा और प्रांजुल कश्यप को बिना अनुमति पुलिसकर्मी भेजने और ₹4 लाख की कथित डील के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
- कुसमी क्षेत्र के एक व्यापारी ने आसनसोल (पश्चिम बंगाल) के एक कारोबारी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।
- एफआईआर दर्ज करने के बजाय थाना प्रभारी ने केस “सेटल” करने के लिए ₹4 लाख की डील की पेशकश की।
- डील के बाद दो प्रधान आरक्षकों को बिना उच्चाधिकारियों की मंजूरी के बंगाल भेजा गया।
बंगाल पुलिस को हुआ शक, एसपी को दी जानकारी
- जब दोनों आरक्षक आरोपी को पकड़ने बंगाल पहुंचे, तो आरोपी के परिजनों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी।
- आसनसोल पुलिस ने दोनों आरक्षकों से FIR और जांच आदेश की जानकारी मांगी, जिसमें गंभीर विरोधाभास पाए गए।
- इसके बाद बंगाल पुलिस ने सीधे बलरामपुर SP से संपर्क किया।
एसपी ने माना गंभीर अपराध, की त्वरित कार्रवाई
बलरामपुर-रामानुजगंज एसपी ने इस मामले को गंभीर अनुशासनहीनता और विभागीय निर्देशों का उल्लंघन मानते हुए तत्काल कार्रवाई की।
- थाना प्रभारी ललित यादव
- प्रधान आरक्षक विष्णुकांत मिश्रा
- प्रधान आरक्षक प्रांजुल कश्यप
को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
अब क्या होगी अगली कार्रवाई?
- विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
- ₹4 लाख की कथित डील की वित्तीय जांच भी जारी है।
- अन्य अधिकारियों की संभावित संलिप्तता की जांच भी की जा रही है।