सीजी भास्कर, 12 जुलाई। पुलों के घटिया डिजाइन और अधूरी निर्माण प्रक्रियाओं को लेकर मचे बवाल के बीच अब राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने पूरे प्रदेश के पुलों की व्यापक जांच के आदेश दिए हैं. हर जिले से रिपोर्ट मांगी गई है, और जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की जा रही है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा है कि अब लापरवाही और गलत इंजीनियरिंग बर्दाश्त नहीं होगी। वहीं कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि अब सरकार मजबूरी में जांच का नाटक कर रही है।
पुलों की जांच क्यों जरूरी हो गई है?
पुलों के डिजाइन में लापरवाही के ताजा उदाहरणों की बात करें तो, भोपाल का ऐशबाग ब्रिज जो 90 डिग्री के तीखे मोड़ वाला यह पुल सोशल मीडिया पर ट्रोल हो चुका है।
एक्सीडेंटल जोन बनने की आशंका के चलते अब ये सवालों के घेरे में है। वहीं, इंदौर का Z आकार का ब्रिज, जिसमें दो-दो 90 डिग्री के मोड़ हैं। ट्रैफिक सेफ्टी को लेकर लोग गुस्से में हैं।
भोपाल में सुभाष नगर फ्लाईओवर जो सर्पाकार डिजाइन में बिना डिवाइडर के बनाया गया है। अब हादसों के बाद ब्रिज पर ताबड़तोड़ सुधार किए जा रहे हैं, और स्पीड ब्रेकर लगाए जा रहे हैं।
पुराने और जर्जर पुलों की बढ़ती चिंता
100 से ज्यादा ब्रिज अंग्रेजों के समय के हैं जो अब कमजोर हो चुके हैं। नर्मदापुरम के सुखतवा का पुल पहले ही गिर चुका है। खंडवा का पुल, जिसे NHAI और MPRDC दोनों ने ही खतरनाक घोषित किया है, फिर भी उस पर भारी वाहन गुजर रहे हैं।
अधूरे और लापरवाह निर्माण कार्य की बात करें तो, नरसिंहपुर में 6 करोड़ का पुल 7 साल से अधूरा पड़ा है। कई जगहों पर निर्माण के बीच में ही ठेकेदारों ने काम रोक दिया या घटिया सामग्री का उपयोग किया।
राज्य में पुलों का अनुमानित आंकड़ा
1600 से ज्यादा कुल निर्माणाधीन/निर्मित पुल-पुलिया हैं. 100 ज्यादा अंग्रेजों के जमाने के पुराने पुल हैं. 9 से ज्यादा 17 जिलों में स्वीकृत नए पुल हैं, और 105 से ज्यादा नए ओवरब्रिज स्वीकृत हैं.
नेताओं ने क्या कहा?
इस पर कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा, जहां भी डिजाइन में गलती है या निर्माण अधूरा है, वहां कार्रवाई की जाएगी। इंजीनियरों पर एक्शन शुरू हो चुका है। ऐशबाग ब्रिज मामले में 7 अफसरों पर गाज गिर चुकी है।
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, MP में पुल नहीं, भ्रष्टाचार के स्मारक बन रहे हैं। सरकार को जब जनता ने घेरा, तब जाकर पुलों की जांच की याद आई है।