सीजी भास्कर, 24 नवंबर। नक्सली अब सरकार के सामने सरेंडर करने और हथियार डालने राजी हो गए हैं। (MMC जोन मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ कमेटी (Naxalite Surrender Appeal)) के प्रवक्ता अनंत ने प्रेस रिलीज जारी कर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सरकार से हथियार छोड़कर पुनर्वास योजना स्वीकार करने की इच्छा जताई है। वहीं इस लेटर पर CM साय ने कहा है कि नक्सलियों को पहले ही सरेंडर करने कहा गया है, सरकार उनके साथ न्याय करेगी।

इसके लिए 15 फरवरी 2026 तक समय देने की मांग की गई है। इसके अलावा PLGA सप्ताह (Naxalite Surrender Appeal) भी रद्द करने की बात कही गई है। केंद्रीय कमेटी का कहना है कि प्रेस रिलीज पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद अगली प्रेस रिलीज जारी कर हथियार छोड़ने की अंतिम तारीख घोषित की जाएगी।
सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी विराम देने का निर्णय MMC जोन के जंगल क्षेत्रों (Naxalite Surrender Appeal) में सक्रिय केंद्रीय कमेटी द्वारा लिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय कमेटी के सदस्य और पोलित ब्यूरो मेंबर कॉमरेड सोनू दादा ने बदलती परिस्थितियों का आकलन करते हुए सशस्त्र संघर्ष को अस्थाई विराम देने का फैसला लिया है, जिसका समर्थन CCM सतीश दादा और CCM चंद्रन्ना भी कर चुके हैं। MMC जोन ने भी सामूहिक निर्णय प्रक्रिया पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है।
अनंत ने कहा कि संगठन जनवादी केंद्रीयता की पद्धति पर चलता है, इसलिए सभी साथियों तक संदेश पहुंचाने और सामूहिक राय बनाने में समय लगेगा। उन्होंने तीनों राज्यों की सरकारों से इस अवधि तक सुरक्षाबलों के अभियान रोकने की अपील की। यहां तक कि PLGA सप्ताह (Naxalite Surrender Appeal) के दौरान भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया है। समिति ने आश्वासन दिया है कि वे इस बार PLGA सप्ताह नहीं मनाएंगे और सभी गतिविधियों पर विराम देंगे।
प्रेस रिलीज में सरकार से मुखबिर गतिविधियों और इनपुट आधारित ऑपरेशनों पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। साथ ही सरकार से रेडियो पर उनके संदेश को प्रसारित करने का अनुरोध किया गया है ताकि दूर-दराज क्षेत्रों में मौजूद साथियों तक सूचना पहुंच सके, क्योंकि यह उनके पास बाहरी दुनिया से अपडेट रहने का एकमात्र विश्वसनीय माध्यम है।
MMC जोन ने यह भी इच्छा जताई है कि इस बीच उन्हें कुछ जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और यूट्यूबर पत्रकारों से मिलने का अवसर दिया जाए, ताकि हथियार त्यागने की निश्चित तारीख तय कर जल्द घोषणा की जा सके। समिति ने मध्यस्थों से भी सरकार और संगठन के बीच संवाद बढ़ाने की अपील की है।
