सीजी भास्कर, 5 सितंबर। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लंबे समय तक सेना प्रमुख और राष्ट्रपति रहे जनरल परवेज मुशर्रफ की भारत में संपत्ति है। मुशर्रफ का परिवार आजादी से पहले भारत में रहता था, जो बंटवारे के है समय पाकिस्तान चला गया। अब भारत में उनके परिवार का कोई भी नहीं है। ऐसे में सरकार ने 2010 में उनके परिवार की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया और अब उसमें शामिल 13 बीघा खेत को नीलाम किया जा रहा है।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ के परिवार की यह संपित्त उत्तर प्रदेश के बागपात जिला के कोटाना गांव में है। आजादी से पहले मुशर्रफ का परिवार इसी गांव में रहता था। गांव में उनकी हवेली और खेती की जमीन है। मुशर्रफ की मां बेगम जरीन और पिता मुशर्रफुद्दीन दोनों ही इसी गांव के रहने वाले थे। दोनों की शादी 1943 में हुई थी।
शादी के बाद बेगम जरीन और मुशर्रफुद्दीन गांव छोड़कर दिल्ली चले गए और वहीं रहने लगे। मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में ही हुआ, लेकिन वे कभी कोटाना गांव नहीं आ पाए। 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो मुशर्रफ के माता-पिता पाकिस्तान में जाकर बस गए। मुशर्रफ के एक रिश्तेदार जिनका नाम नूरु था वे 1965 तक कोटाना गांव में रहे। संपत्ति की देखभाल नूरु ही करते थे, लेकिन 1965 में नुरु भी पाकिस्तान चले गए। इसके बाद से पूरी संपित्त लावारिस हो गई। मुशर्रफ के एक भाई भी थे, उनका नाम डॉ. जावेद मुशर्रफ है।