नई दिल्ली, 11 जून| Builder Fraud India : दिल्ली हाई कोर्ट ने 344 घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के मामले में उपभोक्ता फोरम द्वारा सुनाई गई 182 वर्षों की जेल की सजा को वैध ठहराते हुए 75 वर्षीय बिल्डर राजेंद्र मित्तल की याचिका खारिज कर दी है।
क्या है मामला?
आरोपी: राजेंद्र मित्तल, पूर्व निदेशक, तिरुपति बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड
अपराध: फ्लैट खरीदारों से करोड़ों की (Builder Fraud India)ठगी
सजा:
20 मामलों में एक-एक साल
324 मामलों में छह-छह महीने
कुल सजा: 182 वर्ष
🔍 हाई कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति नीना कृष्णा बंसल की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा:
उपभोक्ता फोरम को जुर्माना न चुकाने की स्थिति में सजा सुनाने का पूरा अधिकार है
यह सजा अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दी गई है
सजा कानूनी रूप से वैध और लागू करने योग्य (Builder Fraud India)है
मित्तल की दलील और कोर्ट का जवाब
दलील:
पहले ही 7 साल से अधिक की सजा काट चुका हूं
उपभोक्ता फोरम तीन साल से अधिक सजा नहीं दे (Builder Fraud India)सकता
सजा मनमानी और अधिकार क्षेत्र से बाहर
कोर्ट का जवाब:
मित्तल को वित्तीय अक्षमता के आधार पर सजा में संशोधन के लिए जिला फोरम जाने की अनुमति दी गई
पृष्ठभूमि और गंभीर आरोप
मित्तल को 2016 में दोषी घोषित किया गया था
2019 में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और विश्वासघात के तहत दोष सिद्ध
1 दिसंबर 2020 को हाई कोर्ट में अपील की थी