सीजी भास्कर, 28 जुलाई। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मछली पालन विभाग में 2 करोड़ 16 लाख रुपए का कूटरचित दस्तावेज तैयार कर प्रशासन को गुमराह कर राशि स्वीकृत कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये (47 वर्ष) को बिलासपुर से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में संलिप्त कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
आपको बता दें कि मछली पालन विभाग के वर्तमान सहायक संचालक सुदेश कुमार साहू ने 4 जुलाई को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजली गजभिये ने दस्तावेजों में कूटरचित कर सरकारी राशि का गबन किया है जो कि पुलिस जांच में सही पाया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के निर्देश पर कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक एमन साहू के टीम गठित की गई। यह टीम लगातार भिलाई, धमतरी, रायपुर और बिलासपुर में कैम्प कर आरोपी की ठिकानों पर दबिश दे रही थी। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिलने पर बिलासपुर में घेराबंदी कर आरोपी गीतांजलि गजभिये निवासी बख्तावर चाल तुलसीपुर को हिरासत में लेकर राजनांदगांव लाया गया है। मामले में पूछताछ करने के बाद शनिवार 27 जुलाई को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
गौरतलब हो कि यह पूरा मामला वर्ष 2023 का है। मछली पालन के लिए केज (पिंजरा) खरीदी में फर्जीवाड़ा किया गया। फर्जी हितग्राही बनाकर हितग्राहियों की बजाय इस राशि को केज बेचने वाली तीन फर्मों के खाते में ट्रांसफर किया गया था, जिसमें राजनांदगांव की तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए की भूमिका प्रमुख रही है। केज खरीदी में हुई फर्जीवाड़े के मामले में सहायक संचालक गजभिए के अलावा सप्लायर फर्म मेसर्स स्टार सप्लायर बिलासपुर, एसएस एक्वाकल्चर पथरी फिंगेश्वर राजिम और एसएस एक्वाफिड झांकी रायपुर के संचालकों को भी इस प्रकरण में आरोपी बनाया गया है। इन तीनों फर्म में ही हितग्राहियों को मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे ट्रांसफर की गई थी। पुलिस द्वारा इन तीन फर्मों को लेकर भी जांच जारी होने का दावा किया जा रहा है। इस मामले में आगे और भी गिरफ्तारी संभव है।