सीजी भास्कर, 11 सितंबर। भवन निर्माण क्षेत्र के लिए एक राहतभरी खबर आई है।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (GST Rate Cut Impact) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी दरों में बदलाव के बाद सीमेंट की कीमत में प्रति बोरी 30 से 35 रुपये तक कमी आ सकती है।
यह राहत सीधे तौर पर निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों, आम घर बनाने वालों और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मिलेगी।
मौजूदा समय में सीमेंट पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, लेकिन 22 सितंबर से यह घटकर 18 प्रतिशत रह जाएगा।
इस फैसले का असर बाजार में सीमेंट के थोक और खुदरा दामों पर जल्द दिख सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि (Cement Price Drop) से बिल्डिंग मटीरियल इंडस्ट्री में नई हलचल शुरू होगी।
जीएसटी काउंसिल का बड़ा फैसला
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में बैठक कर 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को खत्म कर दिया है। इसके बाद सीमेंट (GST Rate Cut Impact) समेत कई अन्य वस्तुओं पर टैक्स घटाया गया है।
इसका सबसे बड़ा लाभ उपभोक्ताओं और बिल्डर्स को मिलेगा।
एजेंसी का कहना है कि –
सीमेंट की लागत में कमी आने से न केवल आवासीय परियोजनाओं बल्कि सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की रफ्तार भी बढ़ेगी।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से (Construction Cost Reduction) का रास्ता साफ होगा।
नई दिल्ली से देशभर तक असर
नई दिल्ली में जारी रिपोर्ट में बताया गया कि –
टैक्स स्लैब में बदलाव का असर पूरे देश में देखने को मिलेगा। अभी तक सीमेंट (GST Rate Cut Impact) सेक्टर लगातार महंगाई और इनपुट कॉस्ट बढ़ने से दबाव में था। लेकिन नए फैसले से कंपनियों को राहत मिलेगी।
जानकारों के अनुसार, रियल एस्टेट सेक्टर की धीमी रफ्तार में यह कदम नई जान डाल सकता है। वहीं, छोटे कस्बों और गांवों में घर बनाने वाले परिवारों को भी सीधा फायदा मिलेगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे (Real Estate Boost) जैसे हालात बन सकते हैं।
ई-वे बिल का रिकॉर्ड
इधर, जीएसटी व्यवस्था से जुड़ा एक और बड़ा आंकड़ा सामने आया है।
इस वर्ष अगस्त में देशभर में 12.91 करोड़ इलेक्ट्रानिक परमिट यानी ई-वे बिल का सृजन हुआ। यह जीएसटी लागू होने के बाद अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक आंकड़ा है।
खास बात यह है कि जीएसटी 2.0 लागू होने से पहले ही ई-वे बिल सृजन में तेजी देखी जा रही है। बता दें कि 50 हजार रुपये से अधिक के सामान को दूसरे राज्य में ले जाने के लिए ई-वे बिल जरूरी है।
इसी वर्ष जुलाई में अब तक का सबसे ज्यादा 13.19 करोड़ ई-वे बिल का सृजन हुआ था। यह दर्शाता है कि जीएसटी व्यवस्था को लेकर व्यापारियों और उद्योगों में भरोसा बढ़ा है।
निर्माण क्षेत्र में उम्मीदें
उद्योग जगत का मानना है कि टैक्स घटने से आने वाले महीनों में मांग और बढ़ेगी। सीमेंट के दाम घटने का मतलब है कि किफायती आवास योजनाओं को भी बल मिलेगा।
सरकार की “हाउसिंग फॉर ऑल” जैसी योजनाओं में तेजी आ सकती है।
रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस फैसले से प्रोजेक्ट्स की समयसीमा पूरी करने में मदद मिलेगी। साथ ही खरीदारों को भी लागत में कमी का लाभ मिलेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा और बाजार में स्थिरता आएगी।
