सीजी भास्कर, 3 जुलाई |
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में आज सुबह से तेज बारिश हो रही है जिससे कई सड़कों पर पानी भर गया है। वहीं शहर के दुर्गा विहार कॉलोनी, विनोबा नगर और कुछ मोहल्लों के घरों में भी पानी घुस गया है। मौसम विभाग ने आज भी सूरजपुर, MCB (मनेंद्रगढ़-चिरमिरी,भरतपुर), कोरिया और GPM (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) इन चार जिलों में बिजली गिरने और भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
अन्य 29 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का यलो अलर्ट है। प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में अगले 5 दिनों तक हैवी रेनफॉल हो सकती है।
वहीं बस्तर में लगातार बारिश से कोरापुट-किरंदुल रेल लाइन पर लैंड स्लाइड हुआ है। ट्रैक किनारे स्थित मिट्टी और चट्टान कटकर ट्रैक पर गिर गया, जिससे मार्ग बाधित हो गया है। किरंदुल-विशाखापट्टनम और हिराखंड ये दो ट्रेनें कैंसिल हो गई हैं। फिलहाल मार्ग को बहाल करने की कोशिश जारी है।
बुधवार को 40.6 मिमी बरसा पानी
जुलाई महीने की शुरुआत से ही मानसून ने रफ्तार पकड़ी हुई है। बुधवार को करीब 18 जिलों में 117 जगहों पर बारिश हुई है। पूरे प्रदेश में औसत बारिश 40.6MM रिकॉर्ड की गई। सरगुजा और बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। जिससे यहां नदी-नाले उफान पर हैं। बलरामपुर जिले में सेंदुर नदी पार करने के दौरान कोटवार बह गया।
वहीं जगदलपुर में लगातार बारिश के कारण कॉलोनियों में जलभराव हो गया। दलपत सागर वार्ड गायत्री नगर में पानी घरों में घुस गया।
सरगुजा में उफान पर नदी-नाले
उत्तरी हिस्से यानी सरगुजा संभाग में लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। मंगलवार को बलरामपुर के शंकरगढ़ में कोरवा जनजाति के मां-बेटे की उफनते नाले में बहने से मौत हो गई, जबकि दूसरी तरफ गेउर नदी में मछली मारने गए एक युवक की डूबने से जान चली गई।
कोरबा जिले में भी एक घर का बरामदा और बाथरूम अचानक भरभराकर गिर गया। परिवार वालों की जान बाल-बाल बची। तापमान की बात करें तो बुधवार को 30.6°C के साथ अम्बिकापुर सबसे गर्म रहा और 21.2°C डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ पेंड्रा सबसे ठंडा रहा।
जून में 22% कम बरसा पानी, बलरामपुर में सबसे ज्यादा
1 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में 188.6MM बारिश हो चुकी है। जबकि पूरे जून में नॉर्मली 215 MM बारिश रिकॉर्ड की जाती है। इस लिहाज से अब तक बारिश लगभग 12% कम हुई है। सबसे ज्यादा बारिश बलरामपुर में हुई है। यहां सामान्य से लगभग 121% प्रतिशत ज्यादा पानी बरसा है। जिले में अब तक 345.6 MM पानी बरस चुका है।
जबकि सामान्य तौर पर 138 MM ही पानी गिरता है। वहीं सबसे कम बारिश राजनांदगांव और बेमेतरा में हुई है। प्रदेश के आंकड़ों पर ओवरऑल बात करें तो एक जिले में सामान्य से बहुत अधिक पानी गिरा है। नौ जिलों में सामान्य पानी बरसा है। 20 जिलों में नॉर्मल से कम पानी गिरा है। 2 जिलों में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है।
मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी
पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है।
छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।
पिछले साल के मुकाबले तापमान कम
हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है।
वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था। पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था।
लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।