महाराष्ट्र , 13 मई 2025 :
Raj Thackeray-Uddhav Thackeray News: महाराष्ट्र की राजनीति तब अचानक से गरमा गई थी जब ‘ठाकरे बंधु’ यानी मनसे राज ठाकरे और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आने की चर्चा शुरू हुई. फिर पता नहीं क्या हुआ कि कुछ ही दिन में इस चर्चा पर फुलस्टॉप लग गया! इसके बाद दोनों भाई यूरोप टूर पर चले गए. हालांकि, संजय राउत के एक बयान से फिर चर्चा छिड़ गई है.
उद्धव ठाकरे के सांसद संजय राउत ने राज ठाकरे पर सवाल किया कि जब साथ आने की बात मनसे मुखिया राज ठाकरे ने की थी तो क्या वह कोई पहल कर रहे हैं? अब इस बयान के बाद फिर महाराष्ट्र में ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने की अटकलों को हवा मिल गई.
संजय राउत के बयान से फिर उठी चर्चा
अब सवाल यह उठता है कि जब उद्धव ठाकरे पुराने विवाद भूलकर साथ आने की बात कह चुके हैं तो फिर राज ठाकरे गठबंधन को ‘वेट एंड वॉच’ वाली भूमिका में क्यों हैं? इसको लेकर संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे ने ही गठबंधन की बातचीत शुरू की थी. इसलिए अब उन्हें ही दोबारा इसकी शुरुआत करनी चाहिए. उद्धव ठाकरे की शिवसेना की प्रतिक्रिया सकारात्मक है.
हालांकि, राज ठाकरे, जो कई बार इंटरव्यू में अपने भाई के साथ वापस आने की इच्छा जता चुके हैं, अब इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे. यहां तक कि मनसे नेता भी यही कह रहे हैं कि अंतिम निर्णय राज ठाकरे ही लेंगे. तो फिर अब मनसे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच गठबंधन वार्ता में आगे क्या होने वाला है?
अब तक दोनों ठाकरे की तरफ से इसपर क्या बयानबाजी हुई है, समझिए-
- 19 अप्रैल को एक इंटरव्यू में राज ठाकरे ने पूछा, “अगर शिवसेना टूट भी जाए तो क्या हम फिर से एक साथ आ सकते हैं?” इस पर उन्होंने उद्धव ठाकरे से समर्थन का आह्वान किया था. राज ठाकरे ने कहा था, “महाराष्ट्र बहुत बड़ा है और हमारे बीच झगड़े और विवाद बहुत छोटे. एक साथ आना और साथ रहना बहुत मुश्किल नहीं है. अब सवाल इच्छाशक्ति का है.”
- ठीक उसी दिन दादर के छत्रपति शिवाजी मंदिर में आयोजित शिवसेना यूबीटी के एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के बयान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी. उद्धव ठाकरे ने कहा था, ”मैं भी छोटे-मोटे विवादों को भूलने के लिए तैयार हूं और मराठी लोगों के हित के लिए एक साथ आने की अपील करता हूं.” ऐसा कहते हुए उद्धव ठाकरे ने शर्त रख दी थी. उन्होंने कहा था, “आप पहले तय कर लीजिए कि बीजेपी के साथ जाना है या मेरे साथ?”
- इसके बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे विदेश दौरे पर चले गए और गठबंधन की चर्चाएं ठंडी पड़ गईं. मनसे के अन्य नेताओं को भी इस मामले पर बोलने से मना कर दिया गया था. सभी नेता यही कहते थे कि राज ठाकरे विदेश से लौटेंगे, तब इस मामले पर बोलेंगे.
- इस बीच 26 अप्रैल को मनसे-शिवसेना यूबीटी गठबंधन की एक बार फिर चर्चा हुई. राज ठाकरे के एक्स हैंडल से कहा गया, “समय आ गया है, मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए शिवसैनिक मुंबई और महाराष्ट्र के लिए एक साथ आने को तैयार हैं.”
संजय राउत ने राज ठाकरे के पाले में फेंकी गेंद
फिलहाल, उद्धव ठाकरे की शिवसेना से सांसद संजय राउत ने गठबंधन को लेकर गेंद राज ठाकरे के पाले में फेंक दी है. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे ने गठबंधन की चर्चा पहले शुरू की थी और इसलिए वही एक बार फिर इसकी शुरुआत करेंगे. हमने एक बार फिर दिखा दिया है कि हम गठबंधन के लिए सकारात्मक हैं.
मनसे नेता राज ठाकरे के फैसले का कर रहे इंतजार
हालांकि, जब हमने मनसे नेताओं से पूछा गया कि गठबंधन को लेकर चल रही इन चर्चाओं में आगे क्या होगा? तो उन्होंने जवाब दिया कि राज ठाकरे सही समय पर सारे फैसले लेंगे. इसी बीच एकनाथ शिंदे गुट के नेता उदय सामंत राज ठाकरे से मिलने आज फिर उनके घर पहुंचे. ऐसे में अब यह चर्चा शुरू हुई कि उद्धव की शिवसेना नहीं बल्कि एकनाथ की शिवसेना राज ठाकरे से गठबंधन कर सकती है.