पटना: राजधानी में एक दर्दनाक घटना ने हर किसी को झकझोर दिया। JEE (जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम) की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
मृतक का नाम वेणुगोपाल बताया जा रहा है, जो अरवल जिले के सोहसा गांव का निवासी था। वह पिछले चार महीनों से पटना में अपने रिश्तेदारों के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था।
पिता के बार-बार फोन करने के बाद खुला राज
घटना की जानकारी तब मिली जब छात्र के पिता लगातार उसे कॉल कर रहे थे, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। चिंतित होकर परिजनों ने रिश्तेदारों को भेजा और बाद में खुद पिता पटना पहुंचे।
दरवाजा खोलने पर अंदर का नजारा देख सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई। वेणुगोपाल का शव गमछे के सहारे लटका हुआ था।
पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया शव
स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से शव को नीचे उतारा गया और पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
मौके से छात्र का मोबाइल और अन्य सामान जब्त कर लिया गया है ताकि यह पता चल सके कि आत्महत्या के पीछे की असली वजह क्या थी।
पिता का बयान – “सब कुछ सामान्य था”
दुखी पिता ने बताया कि उन्होंने बेटे से पिछली रात बात की थी। बातचीत के दौरान किसी तरह की परेशानी नजर नहीं आई। वेणुगोपाल उनका इकलौता बेटा था, उसकी एक बहन भी है। पिता ने कहा –
“हमने बड़े सपनों के साथ उसे पटना भेजा था ताकि वह डॉक्टर या इंजीनियर बन सके, लेकिन अब सब खत्म हो गया। परिवार में कोई विवाद नहीं था, हमें समझ नहीं आ रहा कि उसने ऐसा क्यों किया।”
छात्रों पर बढ़ता दबाव फिर आया सवालों के घेरे में
इस घटना के बाद इलाके में मातम का माहौल है। पुलिस का कहना है कि मामले की तह तक जाने के लिए फोन रिकॉर्ड, कमरे की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने साफ किया है कि आत्महत्या की असली वजह सामने आने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
यह घटना एक बार फिर उन सवालों को खड़ा करती है कि आखिर क्यों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र बढ़ते मानसिक दबाव और अकेलेपन की वजह से ऐसे कदम उठा रहे हैं।