सीजी भास्कर, 3 मई : छत्तीसगढ़ में भूमि पंजीयन और नामांतरण (Online Land Registry) प्रक्रिया में बड़ा डिजिटल बदलाव करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुशासन तिहार के अवसर पर 10 क्रांतिकारी नवाचारों की सौगात दी। रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अब रजिस्ट्री के साथ नामांतरण भी तुरंत होगा, जिससे आमजन को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और सुगम होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि (Online Land Registry) से जुड़ी त्रुटियों का सीधा असर किसानों और भूस्वामियों पर पड़ता है। अब गलत रजिस्ट्री या नामांतरण से होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन हुआ है और सरकारी योजनाओं को डिजिटल रूप से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री (Online Land Registry) , आधार प्रमाणीकरण, ऑटो डीड जनरेशन, जियो टैगिंग और सुगम ऐप जैसे नवाचारों से अब रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल और सुरक्षित बन गई है। वाणिज्यिक कर मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि यह बदलाव न केवल जनता को सुविधा देगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाएगा। अब फर्जी रजिस्ट्री को शून्य करने का अधिकार पंजीयन महानिरीक्षक को दिया गया है। पारिवारिक दान और बंटवारे पर शुल्क केवल ₹500 कर दिया गया है।
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि रजिस्ट्री और नामांतरण में हो रहे सुधार आम जनता को सीधी राहत देंगे। नामांतरण के 90% प्रकरण अब स्वचालित रूप से हल हो सकेंगे। वाणिज्यिक कर विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी. ने बताया कि अब रजिस्ट्री के लिए डीड राइटर, स्टांप वेंडर या एपॉइंटमेंट की जरूरत नहीं होगी। एकीकृत ऑनलाइन सिस्टम से सारे काम एक ही प्रक्रिया में पूरे होंगे।
रजिस्ट्री करा चुके हितग्राहियों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि अब प्रक्रिया मात्र 15-20 मिनट में पूरी हो रही है, और साथ ही नामांतरण भी हो गया। रायपुर और बालोद से जुड़े नागरिकों ने इसे ‘सपने के सच होने’ जैसा बताया।