सीजी भास्कर, 16 जुलाई। एक पशु व्यापारी से अवैध वसूली की कोशिश में 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोप है कि वसूली से इनकार करने पर ड्राइवर को डंडों से पीटकर उसकी आंख तक फोड़ दी है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की वसूली का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।
क्या है पूरा मामला?
चार दिन पहले की रात की बात है, जब पशु व्यापारी मोहम्मद उजैर अपनी पिकअप वैन में माल लेकर भौती हाईवे से गुजर रहे थे। गाड़ी चला रहा था उनका ड्राइवर लकी। तभी रास्ते में मौजूद तीन पीआरवी गाड़ियों में सवार 11 पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और कहा –
“रुक, हम 11 लोग हैं… 500-500 के 11 नोट दे!”
जब ड्राइवर ने पैसे देने से मना किया और बताया कि उसके पास इतना कैश नहीं है, तो पुलिसकर्मियों ने डंडों से बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी। लकी की एक आंख पर गंभीर चोट आई, जिससे उसकी आंख की रोशनी भी जा सकती है।
“हर बार लेते थे पैसे, इस बार मांगा 500!”
पीड़ित ड्राइवर लकी ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं थी। पुलिसकर्मी हर बार 200-200 रुपये की अवैध वसूली करते थे। वह जमीन पर पैसे फेंक देता था और पुलिस वाले उन्हें उठा लेते थे।
लेकिन इस बार जब उन्होंने 500-500 रुपये की मांग की और वह नहीं दे पाया, तो उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई और जान से मारने की धमकी भी दी।
कार्रवाई: सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड, विभागीय जांच शुरू
शिकायत मिलते ही डीसीपी क्राइम आबिद कासमी ने तत्काल मामले की जांच करवाई। प्रारंभिक रिपोर्ट में सभी 11 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
डीसीपी कासमी ने कहा:
“आरोपों की जांच में सच्चाई मिली है। विभागीय अनुशासन को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
एक साथ 11 पुलिसकर्मियों का निलंबन होने से पूरे विभाग में खलबली मच गई है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पुलिसकर्मी समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पीड़ित परिवार इस बार कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस विभाग में आंतरिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर बड़े सुधारों की ज़रूरत है।