सीजी भास्कर, 17 अप्रैल। उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में एक और बड़ी पहल की है। सरकार अब अग्निशमन विभाग के माध्यम से प्रदेश के दो लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देकर फायर सेफ्टी ऑफिसर और अग्नि सुरक्षा कर्मी के रूप में निजी भवनों में नियुक्ति का अवसर देगी।

फायर सेफ्टी के क्षेत्र में यह योजना उत्तर प्रदेश को देश में पहला राज्य बना देगी, जहां युवाओं को विशेष प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र में रोजगार का अवसर दिया जाएगा।
फायर विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें तय किया गया है कि सिक्योरिटी गार्ड की तरह अब मॉल, हॉस्पिटल, मल्टीप्लेक्स, ऊंची इमारतें और बड़े औद्योगिक भवनों में फायर सेफ्टी ऑफिसर और अग्नि सुरक्षा कर्मियों की तैनाती अनिवार्य होगी।
इसके लिए इच्छुक युवाओं को 1 से 4 हफ्ते तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को विभाग द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिससे उन्हें निजी संस्थानों में नौकरी मिल सकेगी।

इन मानकों के तहत होगी नियुक्ति : फायर सेफ्टी ऑफिसर बनने के लिए कम से कम 18 वर्ष आयु और निर्धारित योग्यता होनी चाहिए।
अग्नि सुरक्षा कर्मी बनने के लिए 10वीं पास महिला या पुरुष, 4 सप्ताह का प्रशिक्षण या दो वर्षों तक फायर वॉलंटियर के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक होगा।
उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार के मॉडल फायर सर्विस बिल–2019 को अपनाते हुए उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम–2022 लागू किया है। इसके अंतर्गत निजी भवनों में प्रशिक्षित अग्नि सुरक्षा अधिकारियों और कर्मियों की तैनाती अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही अग्निशमन नियमावली–2024 लागू कर यूपी देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श बन चुका है।
उन्नाव स्थित ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता 196 से बढ़ाकर 600 की जा रही है। इसके अलावा राज्यभर में रीजनल ट्रेनिंग सेंटरों की स्थापना का भी काम चल रहा है, ताकि आम नागरिकों, कंपनियों और संस्थाओं के कर्मचारियों को भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।