सीजी भास्कर, 17मई। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने के लिए सरकार ने ऑल पार्टी डेलीगेशन को अलग-अलग देशों में भेजने का फैसला किया है। इसमें से एक का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर करेंगे। मामले पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल की मांग लगातार की थी। ये खुशी की बात है। वहीं, शशि थरूर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वो इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते।
उन्होंने कहा, “मुंबई आतंकी हमले के बाद पीएम मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान का पर्दाफाश और उसे अलग थलग करने के लिए कई प्रतिनिधिमंडल अलग अलग देश गए थे, जिसमें मैं भी शामिल था। इससे काफी फायदा हुआ। स्पष्ट संदेश गया कि पाकिस्तान आतंकी पैदा करता है। मुंबई हमले के बाद गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कौन शामिल होगा ये राजनीतिक दलों पर छोड़ा गया था। इसके बाद मनमोहन सरकार के दौरान कश्मीर में आतंकी हमले कम हुए। 2014 के बाद ऐसी घटनाएं बढ़ीं।”
‘लगातार की प्रतिनिधिमंडल की मांग’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “मैंने प्रतिनिधिमंडल की मांग भी लगातार की. शायद मोदी सरकार ने मेरी बात सुन ली। मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं। ये खुशी की बात है। पहलगाम आतंकी घटना के बाद हममें संसद के विशेष सत्र की बैठक की मांग की ताकि एक साझा प्रस्ताव पारित कर हम दुनिया को संदेश दे सकें।” हालांकि जब उनसे पूछा गया कि सरकार ने इस प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर को भी शामिल किया है तो उन्होंने कहा कि वो इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते।
‘राजनीतिक लोगों से ही नहीं आम लोगों से मिले प्रतिनिधि मंडल’
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, “प्रतिनिधिमंडल को न केवल संबंधित देश के राजनीतिक लोगों को बल्कि आम लोगों से भी बात करनी चाहिए. बीते ढाई दशक में हुई आतंकी गतिविधियों के बारे में बताना चाहिए. सरकार को पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करना चाहिए। मुझे विश्वास नहीं है कि पाकिस्तान आगे आतंकी नहीं भेजेगा।”
उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद का नाम नहीं लिया. हमारी विदेश नीति इस पर स्पष्ट होनी चाहिए। पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री है। हमारा फ़ोकस आतंकवाद पर होना चाहिए।