प्रयागराज , 20 जून 2025 :
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फर्जी मुकदमों में फंसा दिए गए 24 युवाओं की नौकरी जाते-जाते बच गई. पुलिस भर्ती में इन युवाओं का चयन हुआ था. इनके खिलाफ फर्जी केस किए गए थे, जिसके बाद इनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था. युवाओं ने डीएम प्रयागराज के सामने फरियाद लगाई थी.
पुरानी रंजिश में अपने विरोधियों को बिना वजह फंसा देने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, लेकिन तभी इनका खुलासा होता है, जब कोर्ट की सुनवाई के बाद पीड़ित को क्लीन चिट मिल जाती है. प्रयागराज में बिना जिला अदालत में सुनवाई के ही दो दर्जन युवाओं को ऐसे ही मामले में बड़ी राहत मिल गई है. मामले में 24 युवाओं ने एक साथ मिलकर जिलाधिकारी प्रयागराज रविन्द्र कुमार मांदड़ के सामने इंसाफ की गुहार लगाई.
युवाओं की क्या दलील थी?
इन युवाओं की दलील थी कि वे उत्तर प्रदेश पुलिस में चयनित हुए हैं, लेकिन उनके खिलाफ पुराने फर्जी मुकदमों के कारण नियुक्ति पर रोक लग सकती है. उनके खिलाफ झूठे मामलों में एफआईआर दर्ज की गई , जिनसे उनका कोई लेना-देना नहीं था, इसकी जानकारी भी उन्हें बहुत बाद में हुई. डीएम को इसके सुबूत भी युवाओं ने सौंपा.
बहरिया के सराय अजीम गांव के संजय कुमार ने डीएम को बताया कि वह 2019 में शहर में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई कर रहे थे। उसी दौरान उनके गांव में परिवार के लोगों से कुछ लोगों का विवाद हुआ, जिसमें संजय को भी नामजद कर दिया गया था.
हंडिया के हेमापुर गांव के जितेंद्र कुमार यादव बताते हैं कि वर्ष 2020 में शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. उसी दौरान गांव में मारपीट की घटना में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया. जांच के बाद ये सब आरोप मुक्त हो गए, फिर भी उनका मुकदमा खत्म नहीं हुआ.
आखिकार डीएम ने दी राहत
ये सभी पीड़ित युवा प्रयागराज डीएम के सामने जनता दर्शन में पेश हुए और अपनी समस्या बताई. डीएम ने कलेक्ट्रेट पांच स्टाफ को इसके समाधान के लिए लगाया. सभी युवकों की फाइल निकलवाई गई और शासकीय अधिवक्ता से मश्वरा लेकर पुलिस अधिकारियों से वार्ता हुई. इसके बाद सभी 24 युवकों के मुकदमों में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट लगी थी. छानबीन के बाद डीएम ने सभी के मुकदमों को हमेशा के लिए खत्म कराने के आदेश भी जारी कर दिए. इस तरह 24 युवाओं की नौकरी इस तत्परता से बच गई.