सीजी भास्कर 5 सितम्बर
दिल्ली की सियासी और सामाजिक हलचलों के बीच मौलाना महमूद मदनी का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। मदनी ने शुक्रवार को खुलकर कहा कि भारत को हर हाल में मजबूती के साथ खड़ा रहना चाहिए। उनके शब्द थे —
“आधी रोटी खा लेंगे, लेकिन झुकेंगे नहीं।”
दरअसल, हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी तक का टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मदनी ने साफ कर दिया कि समझौता अगर हो भी, तो बराबरी पर होना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि देश को दबाव में आकर किसी भी स्थिति में झुकना नहीं चाहिए।
इसी कड़ी में मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों का भी स्वागत किया।
ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा-काशी विवाद को लेकर भागवत की कही बातों पर उन्होंने कहा कि इस तरह की बातचीत को मान्यता मिलना जरूरी है। मदनी ने साफ शब्दों में कहा कि मतभेद जरूर हैं, लेकिन संवाद के जरिए उन्हें कम किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि मौजूदा दौर में राजनीतिक भाषा और बहस का स्तर काफी गिरा है। उनके मुताबिक, विपक्ष और सत्ता पक्ष — दोनों ही ओर से नेताओं द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा अनुचित और आपत्तिजनक है।
पहलगाम आतंकी हमले की साजिश का ज़िक्र करते हुए मदनी ने कहा कि इस साजिश को देश के नागरिक समाज ने समझदारी दिखाकर विफल किया।
उनका मानना है कि अगर यही घटना किसी और देश में होती, तो बड़ा बवाल मच जाता। उन्होंने मौजूदा सरकार की सुरक्षा नीतियों की तारीफ की और कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां पहले से ज्यादा पेशेवर और प्रभावी हुई हैं।
मदनी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब देश के राजनीतिक माहौल में तल्खी बढ़ती जा रही है। ऐसे में उनका “आधी रोटी, पर झुकेंगे नहीं” वाला संदेश कई मायनों में बड़ा और प्रतीकात्मक माना जा रहा है।