सीजी भास्कर 8 सितम्बर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक्स (Twitter) पर अपनी मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक लेख साझा किया। इस लेख में उन्होंने ग्रेट निकोबार द्वीप प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने पोस्ट में लिखा –
“ग्रेट निकोबार द्वीप प्रोजेक्ट एक दुस्साहस है, जो आदिवासी अधिकारों को कुचल रहा है और कानूनी व विचार-विमर्श की प्रक्रिया का मजाक बना रहा है।”
क्या है ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट?
भारत सरकार करीब 72,000 करोड़ रुपये की इस मेगा योजना के तहत –
- ट्रांसशिपमेंट पोर्ट
- इंटरनेशनल एयरपोर्ट
- ऊर्जा संयंत्र
- और एक नया शहर बसाने की तैयारी कर रही है।
सरकार का कहना है कि इससे देश को रणनीतिक और आर्थिक बढ़त मिलेगी, लेकिन कांग्रेस और पर्यावरणविद इस प्रोजेक्ट के दुष्प्रभावों पर सवाल उठा रहे हैं।
सोनिया गांधी ने लेख में क्या कहा?
सोनिया गांधी ने द हिंदू अखबार में प्रकाशित अपने संपादकीय में लिखा –
- यह प्रोजेक्ट निकोबार द्वीप की नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को तबाह कर देगा।
- यहां के दुर्लभ पौधे और जीव-जंतु संकट में पड़ जाएंगे।
- यह इलाका पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील है।
- इस परियोजना से निकोबारी आदिवासी समुदाय के अस्तित्व पर बड़ा खतरा है।
- शोम्पेन जनजाति का पारंपरिक इलाका प्रभावित होगा और उनका जीवन पूरी तरह बदल जाएगा।
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि संवैधानिक और कानूनी संस्थानों को दरकिनार कर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है।
राहुल गांधी का पुराना पत्र
इससे पहले भी राहुल गांधी ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि –
- प्रोजेक्ट की मंजूरी में वनाधिकार कानून (Forest Rights Act – FRA) का उल्लंघन हुआ है।
- सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून की प्रक्रिया का पालन किया जाए।