सीजी भास्कर, 13 मई। छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा घोटाले (Mahadev Satta Scam) की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। CBI (Central Bureau of Investigation) अब राज्य के अफसरों, कर्मचारियों और नेताओं से सीधे दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ कर रही है। इस सिलसिले में आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों और कुछ कारोबारियों को CBI समन (CBI Summons) जारी कर चुकी है।
बीते सप्ताह राज्य के दो आईपीएस अधिकारी बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली CBI मुख्यालय पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार, उनसे चार से पांच घंटे तक पूछताछ हुई और उनकी प्रॉपर्टी डिटेल्स (Property Details) से जुड़ी जानकारी ली गई।
महादेव सट्टा केस में विदेश में छुपे प्रमोटर्स को लाने की कवायद तेज
CBI अब इस घोटाले के प्रमुख प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, अतुल अग्रवाल उर्फ अनिल और शुभम सोनी को विदेश से भारत लाने के लिए सक्रिय है। ये सभी महादेव ऑनलाइन सट्टा एप (Mahadev Online Betting App) से जुड़े रहे हैं और अब विदेशों में शरण लिए हुए हैं। कुछ ने दूसरे देशों की नागरिकता ले ली है, जिससे उन्हें लाना और चुनौतीपूर्ण हो गया है।
सीबीआई प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) के तहत इन्हें भारत लाने का प्रयास कर रही है। ED (Enforcement Directorate) पहले भी इन्हें लाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट नहीं मिलने के कारण सफलता नहीं मिल सकी। अब CBI नए सिरे से प्रक्रिया शुरू कर रही है।
जेल में बंद आरोपियों से लंबी पूछताछ (Mahadev Satta Scam)
CBI अब महादेव सट्टा केस में जेल में बंद ASI चंद्रभूषण वर्मा, सिपाही भीम सिंह यादव, अर्जुन यादव, सतीश चंद्राकर, गिरीश तलरेजा, सुरेश चोखानी, नीतिश दीवान और असीम दास जैसे आरोपियों से लंबी पूछताछ कर रही है। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
ASI चंद्रभूषण वर्मा ने बयान में दावा किया है कि उसने हर महीने कुछ अधिकारियों को "प्रोटेक्शन मनी" (Protection Money) दी थी। उसने यह भी बताया कि यह पैसे उसने सीधे न देकर कई माध्यमों से पहुंचाए। अब CBI उन बिचौलियों या माध्यमों से पूछताछ कर रही है।