सीजी भास्कर, 24 जून| Chhattisgarh Kharif season 2025 : प्रदेश में मानसून के दस्तक के साथ ही खेती किसानी का सिलसिला शुरू हो गया है।किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने सरकार ने संबंधित अधिकारियों निर्देशित किए गए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के किसानों को अब तक 6.58 लाख मीट्रिक टन खाद और 3.68 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की बौछारों के साथ शुरू हुए खेती-किसानी में बोनी का रकबा भी निरंतर बढ़ते जा रहा है। राज्य में अब तक 6.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी (Chhattisgarh Kharif season 2025)है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि 23 जून 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 62.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 6 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 3.68 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो मांग का 74 प्रतिशत है। खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 11.36 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया (Chhattisgarh Kharif season 2025)है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 6.58 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 45 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के किसानों को सुगमता से उनकी मांग के अनुरूप खाद-बीज सुगमता से उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा है।