सीजी भास्कर, 09 मई : छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन को लेकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री (CM vs Home Minister Row) के विरोधाभासी बयानों ने सरकार की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दावा किया कि तेलंगाना बॉर्डर के पास करेगुट्टा क्षेत्र में ‘संकल्प’ नाम का ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें 22 से अधिक नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। इसे उन्होंने सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता बताया।
हालांकि, गृहमंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा (CM vs Home Minister Row) ने इस बयान को पूरी तरह भ्रामक बताते हुए खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘संकल्प’ नाम का कोई ऑपरेशन नहीं चलाया गया है और न ही 22 नक्सलियों के शव बरामद होने की पुष्टि हुई है। इस विरोधाभास ने सरकार के भीतर समन्वय की कमी और भरोसे की दरार को उजागर कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM vs Home Minister Row) ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बयान एक-दूसरे से टकरा रहे हैं। अगर कैबिनेट में विश्वास नहीं है तो या तो मुख्यमंत्री को हटना चाहिए या फिर डिप्टी सीएम को बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
भूपेश बघेल ने कहा कि यूनिफाइड कमांड का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है, ऐसे में उनके बयान के विपरीत गृहमंत्री का बयान गंभीर असहमति को दर्शाता है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर भी उछालते हुए दोनों नेताओं के बयान वाला वीडियो साझा किया और सरकार में शक्ति संघर्ष का आरोप लगाया।
कांग्रेस की पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा गया, “जिस तरह सरकार में खींचतान चल रही है, लगता है किसी दिन ये नेता सड़क पर लड़ते दिखेंगे।” अब जनता और राजनीतिक गलियारे में ये सवाल गूंज रहा है कि सच कौन बोल रहा है? जंगलों से लाई गई लाशें किसकी हैं? क्या मुठभेड़ में कोई आम नागरिक या जवान हताहत हुआ है? स्थिति स्पष्ट करने की मांग अब तेज हो गई है।