10 मई 2025 :
India Pakistan News: जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 6 मई और 7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकवादी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर हाहाकार मचा दिया. उसके बाद से दोनों देश के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य गतिरोध के मद्देनजर शुक्रवार (9 मई) की रात को गुजरात के कच्छ और बनासकांठा तथा पाटन जिलों के कुछ हिस्सों में ब्लैकआउट लागू किया गया.
गुजरात के अधिकारियों ने बताया कि कच्छ में पूरे जिले में ब्लैकआउट लागू किया गया. जबकि बनासकांठा और पाटन जिलों के कुछ सीमावर्ती इलाकों में बिजली आपूर्ति काट दी गई है, जो भारत-पाक सीमा के नजदीक हैं. अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में किसी भी हमले का करारा जवाब देने के लिए सेना तैयार है.
गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा, “सीमा पर मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक कच्छ जिले में ब्लैकआउट घोषित किया गया है. मौजूदा स्थिति के बीच बनासकांठा जिले के सुईगाम और वाव तालुका के सभी गांवों में ब्लैकआउट लागू किया गया है.”
8 मई को 3 जिलों में 7 घंटे ब्लैकआउट
गुजरात सरकार की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि पाटन के सीमावर्ती संतालपुर तालुका के कुछ गांवों में भी बिजली आपूर्ति काटी गई है. गुरुवार को भी इन तीन जिलों में लगभग सात घंटे तक इसी तरह ब्लैकआउट लागू किया गया था.
ब्लैकआउट वाले जिले के अधिकारियों ने कहा कि भुज, नलिया, नखत्राणा और गांधीधाम कस्बों सहित कच्छ के कई हिस्सों में पाकिस्तान की किसी भी हमले को रोकने के लिए एहतियातन पूरी तरह से ब्लैकआउट करने का फैसला लिया गया. गुरुवार रात करीब 10 बजे बिजली गुल हो गई और शुक्रवार सुबह 5.30 बजे के बाद बिजली वापस आई.
बनासकांठा के 20 गांव में ब्लैकआउट घोषित
अधिकारियों के मुताबिक बनासकांठा जिले के सुईगाम और उसके आसपास के 20 गांवों में भी ब्लैकआउट घोषित किया गया है. पाटन जिले में संतालपुर तालुका के 8 से 10 गांवों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है.
बॉर्डर से 20 किलोमीटर दूर मिला ड्रोन का मलवा
इससे पहले गुरुवार को गुजरात के कच्छ जिले के खावड़ा गांव के पास ‘ड्रोन जैसी’ वस्तु का मलबा मिला जो भारत की पाकिस्तान सीमा के करीब है. हालांकि, ड्रोन कहां से आया, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. यह भी पता नहीं है कि बिजली की लाइन से टकराने के बाद इसे सेना ने मार गिराया गया या क्षतिग्रस्त होकर नीचे गिर गया. जिस स्थान पर मलबा मिला, वह भारत-पाक सीमा से करीब 20 किलोमीटर दूर है.